प्रशांत जब कभी बहुत खुश होता , उसे कहीं सफलता मिलती या जब कभी भी निराशा हाथ लगती या वो प्रशांत जब कभी बहुत खुश होता , उसे कहीं सफलता मिलती या जब कभी भी निराशा हाथ लगती...
परन्तु नालायक से दोस्ती करके छोड़ देना उससे भी ज्यादा ग़लत है। परन्तु नालायक से दोस्ती करके छोड़ देना उससे भी ज्यादा ग़लत है।
रीना को लगता है कि काश! उस दिन उसने रोहन को इतना डांटा ना होता। रीना को लगता है कि काश! उस दिन उसने रोहन को इतना डांटा ना होता।
"जरा पढ़ाई लिखाई भी कर लिया कर। जितनी जबान चल रही है उतना दिमाग भी चला लिया कर। इस बार दसवीं बोर्ड ह... "जरा पढ़ाई लिखाई भी कर लिया कर। जितनी जबान चल रही है उतना दिमाग भी चला लिया कर। ...
जीवन भला कब सीधा सपाट हुआ करता है. दुःख वहीं से मिलता है अक्सर जिन्हें धूप-ताप से बचाने में हमने खुद... जीवन भला कब सीधा सपाट हुआ करता है. दुःख वहीं से मिलता है अक्सर जिन्हें धूप-ताप स...
इसके सामने जन्नत के नजारे भी कुछ नहीं। इसके सामने जन्नत के नजारे भी कुछ नहीं।